91-8299273766 info@lokmanchnews.com
सरकार के साथ-साथ पूंजीपति भी बुनकरों की खराब हालत के जिम्मेदार : AIMIM जिलाध्यक्ष गुलाम दस्तगीर

बुनकरों की बदहाली पर जताई गहरी चिंता


टांडा (अम्बेडकरनगर)।

जिलाध्यक्ष गुलाम ग़स्तगीर मीम ने बुनकरों की लगातार बिगड़ती हालत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बुनकरों की आर्थिक तंगी के लिए केवल सरकार ही नहीं बल्कि पूंजीपति वर्ग भी समान रूप से जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अगर पूंजीपति वर्ग टांडा में ही बुनकरों का माल सही रेट पर खरीद ले, तो उन्हें दर-दर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी और बाजार में माल का रेट भी स्थिर बना रहेगा।


टांडा की पहचान और बुनकरों की तकलीफ


ग़स्तगीर मीम ने कहा कि टांडा की बुनकरी केवल एक रोजगार नहीं बल्कि एक परंपरा और संस्कृति है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। इस परंपरा को जीवित रखने वाले बुनकर आज असमानता और आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारें योजनाएं तो लाती हैं, लेकिन उनका वास्तविक लाभ बुनकरों तक नहीं पहुंच पाता


महंगाई बढ़ी, पर बुनकरों के माल का दाम घटा — बेहद दुखद


जिलाध्यक्ष ने कहा कि आज के समय में महंगाई कहां से कहां पहुंच गई है, हर चीज़ के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन बुनकरों के बनाए माल का दाम बढ़ने की बजाय लगातार घट रहा है। यह स्थिति बेहद दुखद और चिंताजनक है। एक तरफ़ रोज़मर्रा की चीज़ें महंगी होती जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ़ बुनकरों का मेहनताना घट रहा है, जो मेहनतकश वर्ग के साथ बड़ा अन्याय है।


अगर पूंजीपति सही रेट दें तो टांडा में ही सुधर जाएगी दशा”


ग़स्तगीर मीम ने कहा कि अगर व्यापारी और पूंजीपति वर्ग टांडा में ही बुनकरों से उचित दाम पर माल खरीदने लगें, तो न सिर्फ रोजगार की स्थिरता बढ़ेगी बल्कि बुनकरों का सम्मान भी लौट आएगा। बार-बार बड़े शहरों और मंडियों के चक्कर लगाने से उनकी लागत बढ़ जाती है और नुकसान भी उन्हीं को उठाना पड़ता है।


सरकार और पूंजीपतियों दोनों से जिम्मेदारी निभाने की अपील

उन्होंने सरकार से मांग की कि बुनकरों के लिए बिजली, कच्चा माल और ऋण जैसी सुविधाओं में राहत दी जाए ताकि वे अपने काम को मजबूती से आगे बढ़ा सकें। साथ ही पूंजीपति वर्ग से अपील की कि वे सिर्फ मुनाफे की सोच से बाहर निकलें और बुनकरों के उत्पादों को उचित दाम पर खरीदकर सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं।

जिलाध्यक्ष का स्पष्ट संदेश

अंत में जिलाध्यक्ष गुलाम ग़स्तगीर मीम ने कहा —

“अगर पूंजीपति वर्ग सही रेट पर टांडा में ही बुनकरों का माल खरीद ले, तो उन्हें कहीं और भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और न ही बाजार में उनके माल का रेट गिरेगा। यही टांडा के बुनकरों के हित में सबसे बड़ा कदम होगा।”